Sunday 28 July 2019

दिल की बात

राष्टृीय गान, 
नमस्कार साथियो,  मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। मै प्रतिदिन आप के साथ लेख के माध्यम से अपने दिल की बात करने की कोशिश करता हूंं। आज मै राष्टृीय गान के  ऊपर आप सबसे बात करुंगा और कुुछ खास बातें बताऊंगा। 

वैसे तो आप सबको राष्टृीय गान का पता ही होगा,  कि यह रवींद्र नाथ टैगोर की रचना है। संविधान सभा ने जन गण मन को 24 जनवरी 1950 को राष्टृीय गान के रुप मे स्वीकार किया। और पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्टृीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन मे गाया। 
एक सैनिक होने के  नाते कुछ बातें जो मुझे पता है वो शायद सब लोग नही जानते।  कभी कभी देखने को मिलता है कि राष्टृीय गान चल रहा है और कुछ लोग बैठे है ं और कुछ चल फिर रहें है ं। यह गलत है दोस्तो। सही तो यह है कि जब भी राष्टृीय गान की धुन चले सबका काम है खड़े होना। चाहे जितना भी जरुरी काम क्यूं ना हो। खड़े होने के बाद बिल्कुल सीधे खड़े रहना  है जब तक पूरी धुन समाप्त ना हो जाए। सिर को भी नही हिलाना। 
और एक खास बात जो आप सबको पता होना जरुरी है, जब राष्टृीय गान चलता है तो कुछ लोग सैल्यूट करतें है ं,  वो भी गलत है दोस्तो,  वैसे तो सैल्यूट  यूनीफार्म पहना हुआ इन्सान ही करता है। लेकिन आप के सिर पर अगर टोपी हो तो आप भी सैल्यूट पोजीशन मे खड़े रह  सकते है ं। 
राष्टृीय गान का समय 52 सेकेंड होता है। 
कुछ लोग ऐसे भी होते है  जो असमंजस मे रहते है ं कि जन गण मन राष्टृीय गान है या राष्टृीय गीत? 
तो आप को यह हमेशा याद  रखना है कि जन गण मन राष्टृीय गान है और वंदे  मातरम राष्टृीय गीत है। 
                                   धन्यवाद
                               जय हिन्द 



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