Tuesday 30 July 2019

दौड़ने का सही तरीका। running tips

दौड़ते समय ध्यान रखने वाली बातें-:
नमस्कार साथियो, 
मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। पिछले दो दिन से आप से बात नही कर सका उसके लिए आप सबसे क्षमा चाहता हूं। 
साथियो आजकल ज्यादातर लोग अपनी सेहत पर काफी ध्यान देते है ं।  बहुत सारे लोग सुवह जल्दी उठ कर सैर करने जाते है ंऔर दौड़ भी लगाते है ं।  और कुछ लड़के दौड़ मे नाम भी कमाना चाहते है ं । मेरे 20 साल  की soldier life  मे से मैं आज के लेख मे कुछ  RUNNING TIPS दूंगा। 


  • इस तस्वीर को देखिए। इसमे अगले पांव की पोजीशन बाहर की ओर है, यह गलत पोजीशन है। बहुत लोग दौड़ते समय पांव को बाहर की ओर रखते है ं या फिर अंदर की ओर। 
  • इस तरह दौड़ने से टांगो की नसों मे  extra खिंचाव आता है और ज्यादा थकान भी महसूस करते है ं।
       


    साथियो इस तस्वीर मे जो पांव की पोजीशन है आप इसे
    Follow करिए।  थोड़े दिन मे सही हो जाएगा।
     
   

  • साथियो इस तस्वीर को देखिए, इसमे अगला पांव उठा हुआ है। 
  • यह भी गलत पोजीशन है। अगर दौड़ते समय आपके पांव का पंजा खड़ा रहेगा तो आप कभी भी अच्छी दौड़ नही वना पाएंगे।।। ।
  • इस के नीचे वाली तस्वीर मे सही पोजीशन है। जब भी आप आगे कदम लें आप के पांव का पंजा पहले जमीन को छूना चाहिए। 
  • आप को सही पोजीशन के लिए थोड़ी परेशानी हो सही है पर यह नामुमकिन नही है।  और जब आप की पोजीशन ठीक हो जाएगी आप दौड़ मे  relax feel  करेंगे। 
  • कुछ और खास बाते ं।
  • दौड़ते समय आपका  Body weight आगे की ओर होना चाहिए।
  • नजर दूर तक नही होनी चाहिए , ऐसे मे नजर किसी दूर के  object को टारगेट वना लेती है और फिर वो टारगेट दूर लगने लगता है।  इसलिए दौड़ते समय सिर को झुका कर दौड़े और नजर आगे 10--15 फुट तक रखें। 
  • जितना हो सके मुंह को बंद रखकर दौड़े उससे आपके सांस पर नियंत्रण रहेगा। 
अगर आप को दौड़ते समय पेट के किसी साइड मे दर्द होता है तो दौड़ शुरु करते ही छोटा सा पत्थर हाथ मे रखें।
   

साथियो यह जानकारी मेरे जीवन के अनुभव की है। जो सैनिक जीवन मे मैने सीखा है वही आप के साथ शेयर किया है।
अगर मेरे लेख से मेरे देशवासियों को कुछ फायदा होता है तो मै अपने आप को सफल मानूंगा।

साथियो जितने भी मेरे भाई वहन, दोस्त  और बड़े बुजुर्ग इस लेख को देखें या पढ़ें  उनसे निवेदन है कि वो इस लेख को शेयर जरुर करें। 
Comment भी जरुर करें । क्योंकि मैने अभी लिखना शुरु किया है और आगे भी लिखना चाहता हूं और उसके लिए आप सबका साथ चाहिए। 
                          धन्यवाद
                         जय हिन्द
                              

Sunday 28 July 2019

दिल की बात

राष्टृीय गान, 
नमस्कार साथियो,  मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। मै प्रतिदिन आप के साथ लेख के माध्यम से अपने दिल की बात करने की कोशिश करता हूंं। आज मै राष्टृीय गान के  ऊपर आप सबसे बात करुंगा और कुुछ खास बातें बताऊंगा। 

वैसे तो आप सबको राष्टृीय गान का पता ही होगा,  कि यह रवींद्र नाथ टैगोर की रचना है। संविधान सभा ने जन गण मन को 24 जनवरी 1950 को राष्टृीय गान के रुप मे स्वीकार किया। और पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्टृीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन मे गाया। 
एक सैनिक होने के  नाते कुछ बातें जो मुझे पता है वो शायद सब लोग नही जानते।  कभी कभी देखने को मिलता है कि राष्टृीय गान चल रहा है और कुछ लोग बैठे है ं और कुछ चल फिर रहें है ं। यह गलत है दोस्तो। सही तो यह है कि जब भी राष्टृीय गान की धुन चले सबका काम है खड़े होना। चाहे जितना भी जरुरी काम क्यूं ना हो। खड़े होने के बाद बिल्कुल सीधे खड़े रहना  है जब तक पूरी धुन समाप्त ना हो जाए। सिर को भी नही हिलाना। 
और एक खास बात जो आप सबको पता होना जरुरी है, जब राष्टृीय गान चलता है तो कुछ लोग सैल्यूट करतें है ं,  वो भी गलत है दोस्तो,  वैसे तो सैल्यूट  यूनीफार्म पहना हुआ इन्सान ही करता है। लेकिन आप के सिर पर अगर टोपी हो तो आप भी सैल्यूट पोजीशन मे खड़े रह  सकते है ं। 
राष्टृीय गान का समय 52 सेकेंड होता है। 
कुछ लोग ऐसे भी होते है  जो असमंजस मे रहते है ं कि जन गण मन राष्टृीय गान है या राष्टृीय गीत? 
तो आप को यह हमेशा याद  रखना है कि जन गण मन राष्टृीय गान है और वंदे  मातरम राष्टृीय गीत है। 
                                   धन्यवाद
                               जय हिन्द 



Saturday 27 July 2019

दिल की बात, स्वास्थ्य संबंधी

सेहतमंद कैसे रहें। 

नमस्कार साथियो,  मैं आपका दोस्त बलवीर।  दोस्तो मै एक सैनिक हूं और पहले भी आप सबके लिए लेख लिख चुका हूं।  आज आप सबके लिए यह मेरा चौथा लेख है। चाहत यही है कि मेरे दिल की बात आप सबके दिल तक पहंंचे। 

आज के समय मे जिसे भी पूछो, वो कोई ना कोई दवाई जरुर लेता है।  पुरुष भी और महिलाएं भी।  और आज कल तो तीस से चालीस की उर्म के महिला पुरुष भी घुटनो और टांगो की दर्द से परेशान मिलते हैं। 
आज जो मै आप को बताऊंगा अगर आपने कर लिया तो मेरा वादा है आपकी दवाई छूट जाएगी।  आप को सुवह जल्दी उठना है, एक गिलास पानी पीना है।  पानी आपको गर्म लेना है, थोड़ी देर बाद शौचालय से फ्री हो कर आपको सैर करने जाना है,  अब यहां आपको ध्यान करना है। 
थोड़ा चलने के बाद आप को दौड़ना है, हल्का हल्का दौड़ना है लेकिन शरीर को थकाना है।  महिलाऔं  को भी यह करना है। शुरु मे आप को परेशानी होगी  लेकिन जब आदत बन जाएगी तो आप कर लेंगे।जिनकी तौंद निकली है उनके लिए दौड़ना बहुत जरूरी है। 
आप सब जानते है कि ज्यादातर विमारियां पेट के कारण ही लगती है और दौड़ने से पेट हिलता है। और फिर कम होता जाता है। 
काफी लोग सैर करतें है ं लेकिन दौड़ना पसंद नही करते, तो ऐसे दोस्तो कोई फायदा नही मिलेगा।  आप यह लगातार करिए , कुछ दिनो मे आपको एहसास होने  लगेगा।  

आप मुझे comment भी करिए, मै  reply जरुर करुंगा। 
यह एक सैनिक का वादा है।  धन्यवाद, 
                          जय हिन्द

Friday 26 July 2019

दिल की बात

माता पिता पर आधारित
नमस्कार साथियो,  मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। आज अपने जीवन के अनमोल रत्न,  मतलव माता पिता के विषय पर आप सबसे दिल की बात करना चाहता हूं। 

हमारे बुजुर्ग लोग कहते है ं कि प्यार का पता तब चलता है जब हम किसी से दूर रहें और यह बात हम सैनिकों से ज्यादा बेहतर कोई नही जान सकता। जिन लोगों के सिर पर माता पिता का साया नही होता वो लोग सारा जीवन उस प्यार का अनुभव नही कर पाते। 
और  जिनके पास यह अनमोल रत्न है ं उनसे निवेदन है कि वह लोग उनको सम्भाल कर रखिए।  मै आज यह बात इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि कुछ साल पहले मै आसाम मे था,  वहां एक बूढ़ी महिला और साथ मे उनका पति,  वो दोनो हमे सड़क के किनारे मिले,  पूछने पर पता चला कि विहार की तरफ के थे। हमने उनको गाड़ी मे बैठा लिया और कैम्प मे ले आए, उनके चार बेटे और एक बेटी थी,  फिर भी उनको किसी ने सहारा नही दिया। हमने उनको खाना खिलाया और फिर हमारे कुछ साथी उनको अनाथ आश्रम मे छोड़ आए। 
आज यह लेख के माध्यम से आप सबसे निवेदन करुंगा कि कभी भी अपने माता पिता को परिवार से अलग नही करेंगे। और इस सैनिक का लेख और दो लोगों को बताएंगे और उनको बोलना कि आप आगे दो लोगों को बताइए। 
ऐसे मेरे दिल की बात सब तक जाएगी।  जय हिन्द। 

Thursday 25 July 2019

दिल की बात

मानवता
नमस्कार,  मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। दोस्तो मैं अपने जीवन मे हुई कोई बात ही आपके साथ, दिल की बात मे
आपके साथ करता हूं।  
एक बार मैं बस मे बैठकर कहीं जा रहा था, मै सीट पर बैठा था, पर बहुत सारे लोग खड़े थे, और उनके बीच एक बुजुर्ग माता जी भी थी।  मैने उनको देखा भी, पर उनको बैठने को नही कहा। 
गर्मी बहुत थी, अचानक माता जी मेरे पास चक्कर खाकर गिर गई और बेहोश हो गई।  माता जी को तो सबने मिलकर बचा लिया पर मुझे अपने आप पर बहुत गुस्सा आया। 
तब से आज तक मैने कभी गल्ती नही की। 
और मै यह लेख आज इसलिए लिख रहा हूं ताकि आप सबसे निवेदन कर सकुं।  आप कभी बस मे हों तो बुजुर्ग लोग, महिला या बच्चों को जरुर सीट दें। 
आप अगर अपनी गाड़ी मे हों या दुपहिया वाहन पर, अगर रास्ते मे कोई  महिला, बच्चा या बुजुर्ग आप से लिफ्ट मांगे तो कभी भी मना ना करें।  दोस्तो उससे  आपको दुआ जरुर मिलेगी। 
यही मेरे दिल की बात है। यही मानवता भी है। 
                            धन्यवाद
                           जय हिन्द

Tuesday 23 July 2019

दिल की बात

नमस्कार साथियो, मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। बहुत से माध्यम से आप सबसे बात करने की कोशिश की परंतु कर नही पाया। फिर यह लेख के माध्यम से बात करने का मौका मिला है।
बहुत दिल खुश होता है जब आप लोग सैनिकों के बारे मे कुछ बोलते हैं। हमें कभी जवाव देने का मौका ही नही मिलता। आप सब हमारे लिए हमेशा शुभकामनाए भेजते हैं, बच्चे भी हमसे बहुत प्यार करते हैं।
एक बार हम काफी सैनिक कहीं जा रहे थे तो एक जगाह पर काफी लोग खड़े थे, जब हम उनके पास से गुजरे तो सब लोग खड़े हो गए और ताली बजाने लगे, उस समय दिल इतना खुश हुआ कि शब्दों मे बताना कठिन है।
बहुत सारे स्थानों पर ऐसा होता है तो जब कभी पता चलता है तो दिल बहुत खुश होता है। जब कभी हमारे लिए लोग ऐसा करते हैं या कोई बात लिखते हैं तो सच मानिए एक ताकत मिलती है।
एक और  खास बात, बहुत बार सुना है जब भी लोग आपस मे बात करते हैं तो कहते हैं कि हम इसलिए सुरक्षित हैं क्योंकि हमारे सैनिक, हमारे भाई सीमा पर जाग रहें हैं। यह बात तो सही है, परंतु एक सच बात यह भी है कि आप लोगों का प्यार और स्नेह ही इतना मिलता है कि सोना भूल जाते हैं सब।
साधारण शब्दों में कहुं तो देश की सुरक्षा हम ही नही, देश का हर एक नागरिक करता है।
आप सभी से निवेदन है कि यह मेरे दिल की बात आप भी पढ़ना औरों को भी पढ़ने के लिए कहना।
धन्यवाद   जय हिंद।