Sunday 4 August 2019

दिल की बात, ( किस्मत)

किस्मत, 
नमस्कार साथियो, मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। साथियो मै आप के साथ इस लेख के माध्यम से जुड़ने की कोशिश करता हूं।  अगर आप सबका साथ मिलेगा तो हमेशा आप सबके लिए लेख लिखता रहूंगा। 

आज के लेख मे  एक कहानी लेकर आया हूं   । यह कहानी किस्मत पर आधारित  है। आशा करता हूं आप सब पसंद करेंगे। 

एक गांव मे दो भाई रहते थे । बड़ा भाई बहुत अमीर था और छोटा भाई बहुत गरीब था।  एक बार बड़े भाई ने अपने घर मे दावत दी, दावत मे सब अमीर लोगों को ही बुलाया और छोटे भाई को नही बुलाया। 
उसे लगा शायद भाई निमंत्रण देना भूल गये है ंं। इसलिए वो अपनी मा (जो उसके साथ रहती थी  ) को साथ लेकर दावत मे चला गया। जब दावत मे उसके बड़े भाई ने उनको देखा तो वह क्रोधित हो गया ।  बड़े भाई ने सबके सामने छोटे भाई को वोला  कि जब तुुुुम्हे वुलाया नही तो तुम क्यूं आए हो। यह अमीरों की दावत है तुुम  जाओ पहले अपनी किस्मत जगाओ फिर आकर बात करना। इतना वोलकर उसे घर  से निकाल  दिया । 

घर आकर वो सोचने लगा कि किस्मत को कैसे जगाऊं पता नही कहां होगी। रात सोते समय उसे ख्याव आया। ख्याव मे एक बूढ़ा
आदमी वोला, तुम्हारी किस्मत दूर नदी के पार है वहां जाओ और उसे जगाओ। 
दूसरे दिन वो घर से निकल पड़ा। रास्ते मे उसे एक टूटा हुआ घर मिला। घर के पास एक व्यक्ति रो रहा था । लड़के ने पूछा सेठ जी क्यूं रो रहें है ं आप।  तो सेठ जी ने कहा मै जब भी घर बनाता हूं तो यह गिर जाता है इसलिए परेशान हूं। 
फिर सेठ जी के पूछने पर उसने सब कुछ बता दिया। 
सेठ जी वोला ठीक है अपनी किस्मत से मेरे लिए भी पूछना कि मै जब भी घर बनाता हूं तो घर टूट क्यूं जाता है।  लड़के ने हां मे सिर हिलाया और आगे बढ़ गया। 

काफी देर चलने के बाद लड़के को पेड़ दिखाई दिया जो आधा झुका हुआ था। उसने भी लड़के से पूछा कि तुम कहां जा रहे हो 
 तो लड़के ने सारी कहानी सुना  दी ।  पेड़ ने कहा अपनी किस्मत से मेरे लिए पूछना कि बहुत साल बीत गये ऐसे ही मुझे झुके हुए  ,
मै गिरता क्यूं नही?  लड़के ने हां मे सिर हिलाया और आगे चल पड़ा। 

फिर लड़का चलते चलते नदी किनारे पहुंच गया। अब वो सोचने लगा कि नदी पार कैसे करूंगा।   तभी अचानक वहां एक मगरमच्छ 
आ गया।  उस मगरमच्छ का मुहं खुला हुआ था। मगरमच्छ के पूछने पर भी लड़के ने सारी कहानी उसे सुना दी। 
और मगरमच्छ से निवेदन की, कि मुझे पार पहुंचा दीजिए। मगरमच्छ ने कहा मै आप को नदी के पार 
एक शर्त पर पहुंचा सकता हूं  अगर तुम मेरे लिए पूछ कर आओ कि मेरा मुहं खुला क्यूं रहता है।  लड़के ने हां मे जवाव दिया। 
फिर मगरमच्छ लड़के को नदी के पार ले गया। 

कुछ दूर चलने के बाद लड़के को एक साधू दिखाई दिया  ,  लड़के ने साधू को देखा तो वह हैरान हो गया क्योंकि वह वही साधू था जो लड़के को ख्याव मे दिखा था । लड़के ने साधू के पैर छूए और पूछा
क्या आप मेरी किस्मत है ं ?और अगर आप  मेरा किस्मत हैं तो मैने आप को जगा दिया है अब आप मुझे अमीर वना दो मेरे बड़े भाई की तरह।  
साधू बाबा वोले,  किस्मत को जगाया नही, बनाया जाता है। और उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। मै तुम्हे अमीर नही वना सकता परंतु तुम ने यहां तक आने के लिए बहुत मेहनत की है इस का फल तुम्हे जरुर मिलेगा ।

लड़के ने साधू को मगरमच्छ की बात सुनाई। 
साधू बाबा वोले, मगरमच्छ को  वोलना, तुम्हारे मुहं मे सोने का दांत है उसे निकाल दो फिर तुम्हारा मुहं बंद हो जाएगा। 

 लड़के ने फिर पेड़ की बात सुनाई ।फिर साधू बाबा वोले,   पेड़ 
को वोलना तुम्हारी जडो़ं के नीचे  खजाना है  उसे निकाल दो तो तुम गिर जाओगे और तुम्हारी मुक्ति हो जाएगी। 

सेठ जी वाली बात पर साधू बाबा वोले,  सेठ को वोलना आप के घर मे एक वेटी है पहले उसकी शादी करो  , फिर घर नही गिरेगा। 

फिर लड़का वहां से चल पड़ा। 
नदी किनारे मगरमच्छ ने फिर लड़के को पार पहुंचाया और फिर लड़के ने मगरमच्छ को बताया कि तुम अपने मुहं से सोने का दांत निकाल दो तो तुम ठीक हो जाओगे। 
मगरमच्छ ने कहा मै तो निकाल नही पाऊंगा तुम ही निकाल लो और अपने पास ही रख लो। लड़के ने ऐसे ही किया। 

फिर वो पेड़ के पास आया और उसे सारी बात बताई । 
पेड़ ने कहा , कोई कोन आएगा खजाना निकालने, तुम ही निकाल लो।  लड़के ने सारा खजाना निकाल लिया और पेड़ गिर गया। 

सेठ जी को भी लड़के ने सारी बात सुनाई। 
सेठ जी ने देखा लड़के के पास बहुत खजाना है क्यूं न वेटी की शादी इसके साथ ही कर दूं वेटी सदा सुखी रहेगी। 
यह सोचकर उसने लड़के को शादी के लिए वोल दिया। 
लड़के ने हां वोल दी। 
सेठ जी ने दोनो की मंदिर मे शादी कर दी। 

फिर जब लड़का अपने घर  पहुंचा तो पूरा गांव हैरान हो गया।  बड़े भाई के होश उड़ गये। 
लड़के ने अपनी मा और पत्नी के साथ पूरे गांव को दावत दी। 
जिसमे अमीर गरीब सबको बुलाया।।। ।

साथियो,  हम जब कर्म करेंगे तभी हमें कुछ हासिल होगा। 
हम यह सोच कर नही बैठ सकते कि हमारी किस्मत मे कुछ नही है। 

साथियो आप से निवेदन है कि आप को कहानी अच्छी लगे तो अपने इस सैनिक के लिए कमैंट जरुर करना 
                         धन्यवाद                                                                               जय हिन्द                                      

Friday 2 August 2019

दिल की बात, सहायता कैसे करें।

सहायता कैसे करें। 

नमस्कार साथियो, मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। मै प्रतिदिन या एक दिन के बाद इस लेख के माध्यम से आप सबसे जुड़ने की कोशिश करता हूं  
दोस्तो हमें जीवन मे जितना हम से हो सके किसी न किसी की सहायता जरुर करनी चाहिए 

अब यहां मेरा मतलव सहायता केवल धन से नही है और भी बहुत रास्ते है ं सहायता करने के।  जैसे-
आप कहीं अपनी गाड़ी से जा रहें है ं रास्ते मे कोई आप से लिफ्ट मांगे तो उसे जरुर लिफ्ट दिजिए। 

और सबसे जरुरी, भगवान न करे कभी किसी का  accident हो जाए और आप उस जगह पर हाजिर है ं तो दोस्तो उसे लिफ्ट जरुर दीजिए।  उसके लिए चाहे आप को बहुत जरुरी काम छोड़ना पड़े। 

आज मै आप के साथ इस विषय पर बात क्यूं कर रहा हूं इस का एक कारण है। 

साथियो यह तस्वीर मे जो घर दिख रहा है वह मेरे घर के बिल्कुल पास है  इस घर मे जो परिवार रहता है, उसमे एक मा और चार बेटियां है ं। 

पूरा परिवार अकेली उसे घर की औरत संभालती है। कुछ साल पहले उसका पति भी उनके साथ था। 
एक बार वो बहुत वीमार हो गया उस समय इस औरत ने सहायता के लिए पूरे  इलाके मे गुहार लगाई । बहुत लोगों ने सहायता भी की। 
और सबने मिलकर सहायता की तो उनका पति बिल्कुल ठीक हो गया। 

फिर कुछ समय बाद जब उनकी चार वेटियां हो गयी तो वो उनको अकेली छोड़कर चला गया। 
अब यह पूरा परिवार अकेला रहता है  हम से जितना हो सकता है हम सब मिलकर सहायता करते है ं। 

आप सबसे निवेदन है कि आप से जितना हो सके किसी की सहायता जरुर करें। 

आप अपने अपने  आस पास देखिए जो घर बहुत गरीब है ं  उनको आप थोड़ी थोड़ी सहायता जरुर करें।  जैसे- उनके किसी बच्चे की आप सब मिलकर एडमिशन करवा दीजिए किसी स्कूल मे। 
अगर वो बच्चा अच्छी पढ़ाई कर जाएगा तो आप की तरफ से बहुत सहायता हो जाएगी। 

साथियो अगर इस लेख को पढ़ें तो इसे शेयर जरुर करना। 
और मुझे कमैंट करिए मै  reply जरुर करूंगा। 
 इसी के साथ आप सबसे इजाजत चाहता हूं। 
                    धन्यवाद
                जय        हिन्द

Tuesday 30 July 2019

दौड़ने का सही तरीका। running tips

दौड़ते समय ध्यान रखने वाली बातें-:
नमस्कार साथियो, 
मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। पिछले दो दिन से आप से बात नही कर सका उसके लिए आप सबसे क्षमा चाहता हूं। 
साथियो आजकल ज्यादातर लोग अपनी सेहत पर काफी ध्यान देते है ं।  बहुत सारे लोग सुवह जल्दी उठ कर सैर करने जाते है ंऔर दौड़ भी लगाते है ं।  और कुछ लड़के दौड़ मे नाम भी कमाना चाहते है ं । मेरे 20 साल  की soldier life  मे से मैं आज के लेख मे कुछ  RUNNING TIPS दूंगा। 


  • इस तस्वीर को देखिए। इसमे अगले पांव की पोजीशन बाहर की ओर है, यह गलत पोजीशन है। बहुत लोग दौड़ते समय पांव को बाहर की ओर रखते है ं या फिर अंदर की ओर। 
  • इस तरह दौड़ने से टांगो की नसों मे  extra खिंचाव आता है और ज्यादा थकान भी महसूस करते है ं।
       


    साथियो इस तस्वीर मे जो पांव की पोजीशन है आप इसे
    Follow करिए।  थोड़े दिन मे सही हो जाएगा।
     
   

  • साथियो इस तस्वीर को देखिए, इसमे अगला पांव उठा हुआ है। 
  • यह भी गलत पोजीशन है। अगर दौड़ते समय आपके पांव का पंजा खड़ा रहेगा तो आप कभी भी अच्छी दौड़ नही वना पाएंगे।।। ।
  • इस के नीचे वाली तस्वीर मे सही पोजीशन है। जब भी आप आगे कदम लें आप के पांव का पंजा पहले जमीन को छूना चाहिए। 
  • आप को सही पोजीशन के लिए थोड़ी परेशानी हो सही है पर यह नामुमकिन नही है।  और जब आप की पोजीशन ठीक हो जाएगी आप दौड़ मे  relax feel  करेंगे। 
  • कुछ और खास बाते ं।
  • दौड़ते समय आपका  Body weight आगे की ओर होना चाहिए।
  • नजर दूर तक नही होनी चाहिए , ऐसे मे नजर किसी दूर के  object को टारगेट वना लेती है और फिर वो टारगेट दूर लगने लगता है।  इसलिए दौड़ते समय सिर को झुका कर दौड़े और नजर आगे 10--15 फुट तक रखें। 
  • जितना हो सके मुंह को बंद रखकर दौड़े उससे आपके सांस पर नियंत्रण रहेगा। 
अगर आप को दौड़ते समय पेट के किसी साइड मे दर्द होता है तो दौड़ शुरु करते ही छोटा सा पत्थर हाथ मे रखें।
   

साथियो यह जानकारी मेरे जीवन के अनुभव की है। जो सैनिक जीवन मे मैने सीखा है वही आप के साथ शेयर किया है।
अगर मेरे लेख से मेरे देशवासियों को कुछ फायदा होता है तो मै अपने आप को सफल मानूंगा।

साथियो जितने भी मेरे भाई वहन, दोस्त  और बड़े बुजुर्ग इस लेख को देखें या पढ़ें  उनसे निवेदन है कि वो इस लेख को शेयर जरुर करें। 
Comment भी जरुर करें । क्योंकि मैने अभी लिखना शुरु किया है और आगे भी लिखना चाहता हूं और उसके लिए आप सबका साथ चाहिए। 
                          धन्यवाद
                         जय हिन्द
                              

Sunday 28 July 2019

दिल की बात

राष्टृीय गान, 
नमस्कार साथियो,  मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। मै प्रतिदिन आप के साथ लेख के माध्यम से अपने दिल की बात करने की कोशिश करता हूंं। आज मै राष्टृीय गान के  ऊपर आप सबसे बात करुंगा और कुुछ खास बातें बताऊंगा। 

वैसे तो आप सबको राष्टृीय गान का पता ही होगा,  कि यह रवींद्र नाथ टैगोर की रचना है। संविधान सभा ने जन गण मन को 24 जनवरी 1950 को राष्टृीय गान के रुप मे स्वीकार किया। और पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्टृीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन मे गाया। 
एक सैनिक होने के  नाते कुछ बातें जो मुझे पता है वो शायद सब लोग नही जानते।  कभी कभी देखने को मिलता है कि राष्टृीय गान चल रहा है और कुछ लोग बैठे है ं और कुछ चल फिर रहें है ं। यह गलत है दोस्तो। सही तो यह है कि जब भी राष्टृीय गान की धुन चले सबका काम है खड़े होना। चाहे जितना भी जरुरी काम क्यूं ना हो। खड़े होने के बाद बिल्कुल सीधे खड़े रहना  है जब तक पूरी धुन समाप्त ना हो जाए। सिर को भी नही हिलाना। 
और एक खास बात जो आप सबको पता होना जरुरी है, जब राष्टृीय गान चलता है तो कुछ लोग सैल्यूट करतें है ं,  वो भी गलत है दोस्तो,  वैसे तो सैल्यूट  यूनीफार्म पहना हुआ इन्सान ही करता है। लेकिन आप के सिर पर अगर टोपी हो तो आप भी सैल्यूट पोजीशन मे खड़े रह  सकते है ं। 
राष्टृीय गान का समय 52 सेकेंड होता है। 
कुछ लोग ऐसे भी होते है  जो असमंजस मे रहते है ं कि जन गण मन राष्टृीय गान है या राष्टृीय गीत? 
तो आप को यह हमेशा याद  रखना है कि जन गण मन राष्टृीय गान है और वंदे  मातरम राष्टृीय गीत है। 
                                   धन्यवाद
                               जय हिन्द 



Saturday 27 July 2019

दिल की बात, स्वास्थ्य संबंधी

सेहतमंद कैसे रहें। 

नमस्कार साथियो,  मैं आपका दोस्त बलवीर।  दोस्तो मै एक सैनिक हूं और पहले भी आप सबके लिए लेख लिख चुका हूं।  आज आप सबके लिए यह मेरा चौथा लेख है। चाहत यही है कि मेरे दिल की बात आप सबके दिल तक पहंंचे। 

आज के समय मे जिसे भी पूछो, वो कोई ना कोई दवाई जरुर लेता है।  पुरुष भी और महिलाएं भी।  और आज कल तो तीस से चालीस की उर्म के महिला पुरुष भी घुटनो और टांगो की दर्द से परेशान मिलते हैं। 
आज जो मै आप को बताऊंगा अगर आपने कर लिया तो मेरा वादा है आपकी दवाई छूट जाएगी।  आप को सुवह जल्दी उठना है, एक गिलास पानी पीना है।  पानी आपको गर्म लेना है, थोड़ी देर बाद शौचालय से फ्री हो कर आपको सैर करने जाना है,  अब यहां आपको ध्यान करना है। 
थोड़ा चलने के बाद आप को दौड़ना है, हल्का हल्का दौड़ना है लेकिन शरीर को थकाना है।  महिलाऔं  को भी यह करना है। शुरु मे आप को परेशानी होगी  लेकिन जब आदत बन जाएगी तो आप कर लेंगे।जिनकी तौंद निकली है उनके लिए दौड़ना बहुत जरूरी है। 
आप सब जानते है कि ज्यादातर विमारियां पेट के कारण ही लगती है और दौड़ने से पेट हिलता है। और फिर कम होता जाता है। 
काफी लोग सैर करतें है ं लेकिन दौड़ना पसंद नही करते, तो ऐसे दोस्तो कोई फायदा नही मिलेगा।  आप यह लगातार करिए , कुछ दिनो मे आपको एहसास होने  लगेगा।  

आप मुझे comment भी करिए, मै  reply जरुर करुंगा। 
यह एक सैनिक का वादा है।  धन्यवाद, 
                          जय हिन्द

Friday 26 July 2019

दिल की बात

माता पिता पर आधारित
नमस्कार साथियो,  मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। आज अपने जीवन के अनमोल रत्न,  मतलव माता पिता के विषय पर आप सबसे दिल की बात करना चाहता हूं। 

हमारे बुजुर्ग लोग कहते है ं कि प्यार का पता तब चलता है जब हम किसी से दूर रहें और यह बात हम सैनिकों से ज्यादा बेहतर कोई नही जान सकता। जिन लोगों के सिर पर माता पिता का साया नही होता वो लोग सारा जीवन उस प्यार का अनुभव नही कर पाते। 
और  जिनके पास यह अनमोल रत्न है ं उनसे निवेदन है कि वह लोग उनको सम्भाल कर रखिए।  मै आज यह बात इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि कुछ साल पहले मै आसाम मे था,  वहां एक बूढ़ी महिला और साथ मे उनका पति,  वो दोनो हमे सड़क के किनारे मिले,  पूछने पर पता चला कि विहार की तरफ के थे। हमने उनको गाड़ी मे बैठा लिया और कैम्प मे ले आए, उनके चार बेटे और एक बेटी थी,  फिर भी उनको किसी ने सहारा नही दिया। हमने उनको खाना खिलाया और फिर हमारे कुछ साथी उनको अनाथ आश्रम मे छोड़ आए। 
आज यह लेख के माध्यम से आप सबसे निवेदन करुंगा कि कभी भी अपने माता पिता को परिवार से अलग नही करेंगे। और इस सैनिक का लेख और दो लोगों को बताएंगे और उनको बोलना कि आप आगे दो लोगों को बताइए। 
ऐसे मेरे दिल की बात सब तक जाएगी।  जय हिन्द। 

Thursday 25 July 2019

दिल की बात

मानवता
नमस्कार,  मेरा नाम बलवीर है और मै एक सैनिक हूं। दोस्तो मैं अपने जीवन मे हुई कोई बात ही आपके साथ, दिल की बात मे
आपके साथ करता हूं।  
एक बार मैं बस मे बैठकर कहीं जा रहा था, मै सीट पर बैठा था, पर बहुत सारे लोग खड़े थे, और उनके बीच एक बुजुर्ग माता जी भी थी।  मैने उनको देखा भी, पर उनको बैठने को नही कहा। 
गर्मी बहुत थी, अचानक माता जी मेरे पास चक्कर खाकर गिर गई और बेहोश हो गई।  माता जी को तो सबने मिलकर बचा लिया पर मुझे अपने आप पर बहुत गुस्सा आया। 
तब से आज तक मैने कभी गल्ती नही की। 
और मै यह लेख आज इसलिए लिख रहा हूं ताकि आप सबसे निवेदन कर सकुं।  आप कभी बस मे हों तो बुजुर्ग लोग, महिला या बच्चों को जरुर सीट दें। 
आप अगर अपनी गाड़ी मे हों या दुपहिया वाहन पर, अगर रास्ते मे कोई  महिला, बच्चा या बुजुर्ग आप से लिफ्ट मांगे तो कभी भी मना ना करें।  दोस्तो उससे  आपको दुआ जरुर मिलेगी। 
यही मेरे दिल की बात है। यही मानवता भी है। 
                            धन्यवाद
                           जय हिन्द